ज़ब उसने बेवफा बताया !
ज़ब उसने बेवफा बताया !
उसके लब
जब मेरे लबों को
छूते थे,
सब, दर्द
ख़त्म
हो जाता था,
भूल जाता था
मै पीना,
मुझे मैखाने
जाने की
जरुरत
ही नहीं थी,
मदहोशी में
मैंने क्या-क्या
सपने सजाया,
आंखे
पानी -पानी
हो गई,
सहेली के पूछने पर,
जब उसने बेवफा बताया !
फिर भी
मुझे
फर्क नहीं पड़ा,
मै उसपे
जानीशार करता था,
वो मेरे लिए
कोई नई
नहीं थी,
मै उसे बचपन से
प्यार करता था,
मुझपे
उसका हक़ था,
वो मेरी थी,
उसकी आँखों में
कभी
आंसू आने नहीं दिया,
किस बात का
बदला चुकाया,
बेहया,
हरजाई,
की मरहम भी
जख्मों पर
काम नहीं आया,
मेरी धड़कन
थम सी गई,
सहेली के पूछने पर
जब उसने बेवफा बताया !