तेरा साथ
तेरा साथ
हर वक्त तू ही तू रहती है मेरे आस-पास,
स्वरों में प्रश्नों की गूँज रहती है बार-बार।
नादान दिल है हमदम,
पल-पल मिलन को बेताब है दिलबर।
दिल धड़कने लगा है बेचैनी बढ़-सी रही है,
मेरे वजूद की तू इंतेहा बन रही है।
हरसू प्यार के दीए जल उठे हैं,
तुम्हारे नज़राने भी क्या खूब अनूठे हैं।
ख़्वाहिशों के पंख लगाए,
तुझसे उम्मीद लगाए बैठा हूँ।
तुझसे आशिकी में सब कुछ भुला बैठा हूँ,
इश्क में शर्माना, अनुपम प्रेम है ये मेरा।
तुझे अपना बनाना ख्वाब है मेरा,
मेरे प्यार की कश्ती का साहिल है तू।
है नसीब तू मेरा ,तुझ पे ऐतबार है जाने जाना,
जनम-जनम का वादा है, तुझसे ही दिल लगाना है।
तेरी मेरी प्रीत की दास्ताँ, चेहरा बयाँ करती है,
मेरे जीवन की साधना तुझ पर ही आकर रुकती है।
साँसें भी तेरे नाम से ही चलती है,
फासले दरमियाँ कम करती है।
दीया-बाती सा साथ है हमारा तुम्हारा,
खुदा का तोहफा है मिलना हमारा तुम्हारा।
होकर जुदा तुझसे साँसें न चल पाएगी,
तेरा साथ हो तो जिंदगी यूँ ही गुजर जाएगी।।