इंसाफ का तराजू
इंसाफ का तराजू
देख तराजू है यही, करता है इंसाफ।
सजा देत मुजरिम सभी, बेगुनाह को माफ।।
सदा धर्म रक्षा करे, नहीं कभी अन्याय।
सत्यमेव जयते यहाँ, आये वो फल पाय।।
झूठ कपट टिकता नहीं, गीता का यह ज्ञान।
सत्य राह पर जो चले, मिलता है भगवान।।
सबका यह कानून है, देता सबका साथ।
कदम मिलाकर जो चले, उसके सर पे हाथ।I
जो करते अपराध हैं, कभी नहीं बच पाय।
हवालात की सैर फिर, उम्र कैद को जाय।।