पेड़ लगाते
पेड़ लगाते
गर्मी से पसीने छूटते
सूरज आग उगल रहा है
इस पर एक ही हल आज
पेड़ लगाते और बढ़ाते हैं।
कल के जीवन के लिए
आज पेड़ लगाना होगा
सांसें रुक जायेगी तो
कौन भला जिंदा बचेगा।
धरती को बंजर होने से
अगर हमें बचाना है
खुली जगह वहाँ पर
हरियाली फैलानी है।
आने वाली पीढ़ी को चलो
यह तोह्फा हम देते हैं
पेड़ लगाकर उसे बढ़ाकर
चलो खुशियाँ बिखर देते हैं।