गहरी नदी आँखों की
गहरी नदी आँखों की
कितनी गहरी अखियाँ तेरी
बिल्कुल जैसे गहरी नदी
डूबा इनमें में ,जैसे तैसे पार
इन पलकों की पगडंडियों पर
खुद चल पाना मुश्किल
पर तुम्हारी प्यारी अखियाँ
मुझको खूब भाती है
जैसे खिलती हो बागों में कोई कली
कितनी गहरी अखियाँ तेरी
बिल्कुल जैसे गहरी नदी
डूबा इनमें में ,जैसे तैसे पार
इन पलकों की पगडंडियों पर
खुद चल पाना मुश्किल
पर तुम्हारी प्यारी अखियाँ
मुझको खूब भाती है
जैसे खिलती हो बागों में कोई कली