प्रकृति का संरक्षण और जीवन
प्रकृति का संरक्षण और जीवन
जीवन क्या है
कभी-कभी सोचता हूँ कि
बीज में जीवन है
प्रस्फुटित होकर
बनता है वृक्ष।
कभी सोचता हूँ
हवा में जीवन है
हाँ प्राणवायु के बिना
जीवन सम्भव नहीं
और कभी सोचता हूँ
जल ही जीवन है।
लेकिन जीवन तो ये सभी हैं
और
जीवन के लिए जरूरी है
खुशी
प्रकृति का सुन्दर तालमेल।
हाँ प्रकृति ही
सर्जक है
प्रकृति ही माता है
और
प्रकृति ही है
भाग्यविधाता।
आओ करें प्रकृति का
उचित सम्मान
बचायें उसे
ग्लोबल वार्मिंग
और प्रदूषण से
लगायें वृक्ष।
कम करें कीटनाशक
और अपनायें
पर्यावरण मित्र कृषि तकनीक
और आदतें
धरा को करें हरा-भरा
प्रकृति को करें
समृद्ध।।