"कल अगर मैं ना रहूँ कहीं तो"
"कल अगर मैं ना रहूँ कहीं तो"
कल, अगर मैं ना रहूँ कहीं तो
कल, अगर मैं ना मिलू कहीं तो
हैरान मत होना, परेशान मत होना
सुनो मैं तुझमें हूँ कहीं, देखो मैं तुझमें हूँ यहीं
गर महसूस कर पाओ, हाँ मैं तुझमें हूँ कहीं ।
याद आऐ तो, मेरी डायरी पलट लेना
बेवक़्त ही कभी, मेरी शायरी पढ़ लेना
हाँ रोना कभी ना, चैन खोना कभी ना
सुनो मैं तुझमें हूँ कहीं, देखो मैं तुझमें हूँ यहीं
गर महसूस कर पाओ, हाँ मैं तुझमें हूँ कहीं ।
ख़ामोशी में मेरी, ग़ज़ल गुनगुना लेना
नज़्म पढ़ते पढ़ते, यूँ ही मुस्कुरा देना
बस इतना याद रखना, आहें कभी ना भरना
सुनो मैं तुझमें हूँ कहीं, देखो मैं तुझमें हूँ यहीं
गर महसूस कर पाओ, हाँ मैं तुझमें हूँ कहीं ।
कल, अगर मैं ना रहूँ कहीं तो
कल, अगर मैं ना मिलू कहीं तो
उदास मत होना, मायूस मत होना
सुनो मैं तुझमें हूँ कहीं, देखो मैं तुझमें हूँ यहीं
गर महसूस कर पाओ, हाँ मैं तुझमें हूँ कहीं ।