मेरा शहर
मेरा शहर
ना कह तू मेरे शहर को जालिमों का शहर,
एक बार तू जरा यहाँ आकर तो देख,
बहुत ही प्यारे से लोग भी मिलेंगे तुझको,
जो दिल में अपने बसा लेंगे तुझको।
एक बार तू ज बस गया दिल में,
तो तू ना कभी बाहर जा पायेगा,
मेरे शहर की गलियाँ तुझको अपनी लगने लगेगी,
हर चेहरा तुझको जाना पहचाना लगेगा।
नफरत से गर देखोगे तो हर कोई बैगाना लगेगा,
इक बार प्यार भरी नजरों से देख लो,
हर कोई तुमको अपना सा लगेगा।
फिर तुम भी बस जाओगे यहाँ हमेशा के लिए,
ये शहर सब के अरमानों को पूरा करता है,
ये नहीं कोई जालिमों का शहर,
ये है मेरा शहर ये है मेरा शहर...।।