मोहब्बत (एक शिकायत)
मोहब्बत (एक शिकायत)
तुम मेरे दिल में रहती हो
फिर यह शिकायत क्यों बनी रहती है
जिस दिन से तुम्हें देखा हैं
आँखों से शिकायत बनी रहती हैं
लोग कहते हैं मोहब्बत ख़ुदा की इबादत हैं
फिर भी ख़ुदा से शिकायत बनी रहती हैं
मेरे दिल की तकलीफ़ तुम्हें क्या बताऊंं
बयाँ ज़ुबान से कैसे करुँ
दिल इजाज़त नही देता
किससे यह शिकायत करुँ
समझ नही आता
जिंदगी में मिले गम हज़ारों
फिर भी चेहरा मुस्कुराता रहा I
दिल क्या टूटा हमारा,
हमनें आईने के सामने जाना ही बंद कर दिया II