न जाओ
न जाओ
हाथ ऐसे छुड़ा कर
अभी न जाओ के
दिल भरा नहीं
ये दिदार की शमा बुझी नहीं
प्यास दिल कि बुझी नहीं
कसक मन की मिटी नहीं
झुलसना कम हुआ नहीं
के याद अभी गयी नहीं
अभी न जाओ.....
हाथ ऐसे छुड़ा कर
अभी न जाओ के
दिल भरा नहीं
ये दिदार की शमा बुझी नहीं
प्यास दिल कि बुझी नहीं
कसक मन की मिटी नहीं
झुलसना कम हुआ नहीं
के याद अभी गयी नहीं
अभी न जाओ.....