कैसे करें बयान
कैसे करें बयान
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ऐ दर्द, कैसे करें तूझे बयान।
आँखों से जो छलका, कहीं
अफसानें ना बन जाए।
जुबान से जो कह दी, कहीं
दास्तान ना बन जाए।
दफन कर दिया जो तूझे दिल में, कहीं
खुद से बेगाने ना हो जाए।
तुम्हें संग लिए जो चलें, कहीं
ताउम्र तेरे ग़ुलाम ना बन जाए।
ऐ, दर्द अब तू ही बता,
कैसे हम तुमसे पेश आए।