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SURYAKANT MAJALKAR

Romance Tragedy

3.3  

SURYAKANT MAJALKAR

Romance Tragedy

प्यार, लौटा दो

प्यार, लौटा दो

1 min
254


मुझे वो मेरी यादें लौटा दो,

तुम बिन जीने का सहारा है वो। 


जिनकी तुम्हे जरूरत नहीं,

जिनको तुम्हारी आदत नहीं,

वो सारे नजराने लौटा दो।


क्यों वक्त तुमने जाया कर दिया।

ठुकराने का, था मन बना लिया।


कंधे पर सर रखे साथ चले थे।

मंजिल से कुछ दूर ही साथ छोड़ दिया।


झूठी ही सही वो कसमें लौटा दो।

जिससे तुमने था दिल बहला दिया।


मैंने मोहब्बत की, तुमने मजाक बनाया।

प्यार का अच्छा सिला दिया।


मैं जानता हूँ, ये बातें फजूल है।

लेकीन प्यार का ये भी एक उसूल है।


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