पहली मुलाक़ात
पहली मुलाक़ात
ना कोई उम्मीद थी
ना कोई आभास था
तेरा अचानक से मिलना
एक बहुत प्यारा एहसास था
वो पहली मुलाक़ात थी
और मंज़र भी कुछ खास था
चाँद मेरे सामने था
और उसका अलग ही शबाब था...!
ना कोई उम्मीद थी
ना कोई आभास था
तेरा अचानक से मिलना
एक बहुत प्यारा एहसास था
वो पहली मुलाक़ात थी
और मंज़र भी कुछ खास था
चाँद मेरे सामने था
और उसका अलग ही शबाब था...!