प्रेम गीत
प्रेम गीत
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अब ना दिल का कोई कोना खाली है
दिल में मेरे आपने जगह बना ली है
ये कैसा अपनापन है
जो धड़कता दिल में बनके धड़कन है
जिसने सूनापन मिटाया है
खामोशियों को जुबां दे डाली है
दिल में मेरे आपका ऐसा मकाम है
बड़ा मुशकिल जिसे देना कोई नाम है
बस इतना ही कह सकता हूँ
वो जगह ऊँची है निराली है
मेरी दुआओ में तेरा जिक्र था
ना जाने क्यों मुझे तेरा फिक्र था
मेरे ये जज़्बात सच्चे हैं
तुझे चाहे लगे ख्याली हैं
अब ना दिल का कोई कोना खाली है
दिल में मेरे आपने जगह बना ली है