बेच दो
बेच दो
बेच दो,
बन्द कर दो,
नाम बदल दो,
सबका साथ छोड़ दो |१|
सब कुछ चुनिंदे दोस्तों को बेच दो,
हर कारोबार मझधार में बंद कर दो,
सारी साख़ नेकनामी यूँ बर्बाद कर दो,
बेकसूर अवाम के ऐतबार को खो दो |२|
तमाम हुक्मरानी इदारों को बेच दो,
दुरुस्त तिजारत का ख़ात्मा कर दो,
अहम अंजुमनों के नाम यूँ ही बदल दो,
बीच भँवर में दरकिनार कर सबको भुला दो |३|
खुली सोच पर ताला लगा दो,
जितना हो सके झूठ बोल दो,
जितना हो सके सबको डरा दो,
भले चंगे दिनों के सपने दिखा दो |४|
कानून की धज्जियाँ उड़ा दो,
इंसाफ़ी मुंसिफ को मार दो,
वतन के वजूद को मिटा दो,
जम्हूरियत को तबाह कर दो |५|
कोई भी सवाल जवाब होने मत दो,
सच्ची ख़बरों को आम लोगों में आने मत दो,
अनहोनी दहशत से हर जगह ख़ौफ़ पैदा कर दो,
अपने तानाशाही ताक़त से हर ज़्यादती गिरफ़्तारी कर ।६|
पड़ोसी दुश्मन मुल्क़ को हर वक़्त गाली दे दो,
मज़हब के नाम पर सबको अंधे शाग़िर्द बना दो,
किसी को भी कभी भी कहीं भी कौम का ग़द्दार बना दो,
और हमेशा के लिए राजगद्दी पर अपनेआप को बैठे रहने दो ।७|