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बेरुखी से

बेरुखी से

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जब तुम मिलोगे हमसे तैयार रहना

तुमसे हज़ारों सवालों के जवाब मांगेंगे हम

तेरे दिए हर धोखे का हिसाब मांगेंगे हम

अपने हर आँसू का हिसाब लेंगे हम।


जितना रुलाया है उतना रुलाएंगे हम

प्यार से गले पहले लगा तो लेंगे हम

पर सवालों की बौछार भी हम करेंगे।


एक एक दिन एक एक पल के इन्तजार

का हिसाब भी देना होगा

तुम हमसे जब मिलोगे तब मिलोगे अब तो

तेरी बेरुखिओं से हम ही परेशान है।


निकलते तो हो तुम हमसे मिलने पर

रास्ते में ही कहीं और चले जाते हो।

दोष हम तुमको देते रहते हो पर

वजह तुमसे पूछी नहीं।


भूल हमारी है ओ सनम तुझसे ना

वजह पूछी होती तो दर्द तुमको भी नहीं होता।

जब तुमने हमको बताया ना

उसने की वजह तो हम भी शर्मिंदा हुए।


तुम यो चले थे हमसे मिलने के लिए मगर रास्ते में

हुआ एक्सीडेंट तुम्हारी गाड़ी यों चकनाचूर हुई

तुमको भी चोट आई और तुम हमसे

सब छुपा गए अपने दर्द खुद सह गए।


बीते जब दो चार रोज तब हमको

बताया तुमने दिल हमारा भी टूटा।


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