याद नहीं आती ,तुम चली आती हो
याद नहीं आती ,तुम चली आती हो
1 min
7.1K
याद नहीं आती है तुम्हारी
तुम चली आती हो
हर रात
जब देखता हूँ तुम्हें
तस्वीरों में मुस्कुराते हुऐ
मेरे पास ही तो
रहती हो तुम
नहीं?
तो कमरे का अँधेरा
उजाला सा क्यों
लगने लगता है
मेरे पलकों के पास
तुम्हारी मौजूदगी का
अहसास क्यों पाता हूँ
इस तरह की मीठी नींद
तुम्हारी थपकियों के
बग़ैर तो नहीं आती
मैं हमेशा मुस्कुराते हुऐ
तो नहीं सोता हूँ
बताओ ना !!!
तुम ही थी कल भी
सिहरन होने पर चादर
ओढ़ाने तुम नहीं आई थी !!
बोल दो, एक और झूठ
जैसे कि हमेशा कहती हो...
वो मैं नहीं थी
वो मैं नहीं थी...