मुझे बदनाम कर रहे हो ना
तुम यही काम कर रहे हो ना
मुझको बिगड़ैल शाह कहते हो
तुम बहुत नाम कर रहे हो ना
मैंने बस एक लफ्ज़ बोला था
उसको दीवान कर रहे हो ना
रात भी जो बोलने से डरती है
बात सर-ए-शाम कर रहे हो ना
वो ख़त नहीं खुँ-ए-जाँ है मेरा
खून नीलाम कर रहे हो ना
एक मुद्दत से जान अटकी है
मौत आसान कर रहे हो ना