दिल का मेहमान
दिल का मेहमान
जादूगर सा है वो, दिल का मेहमान है
उसकी मासूमियत उसकी पहचान है।
रात भर चाँद बादल की घूँघट में था
एक ये चाँद है .......एक वो चाँद है।
खुलके मिलना, न मिलना, अदा आपकी
सब ये समझे हैं मेरी, जान-पहचान है।
है पता सबको , वो भी गुनहगार है
सब ये कहते हैं, वो कितना नादान है।
खुलके रोता है, हँसता है, खुलके कभी
छोटा बच्चा है, फिर भी वो धनवान है।