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उसकी मुस्कुराहट

उसकी मुस्कुराहट

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वह कौन थी, नहीं पता

याद है मुझे, उसकी हर अदा।


आंखों में थी, इक गहन झील

चेहरे में था, एक कमल नील।


देह में न जाने, कितनी उमंगें थीं

उसकी मुस्कुराहट में न जाने,


कितनी पतंगें थीं।


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