उसकी मुस्कुराहट
उसकी मुस्कुराहट
वह कौन थी, नहीं पता
याद है मुझे, उसकी हर अदा।
आंखों में थी, इक गहन झील
चेहरे में था, एक कमल नील।
देह में न जाने, कितनी उमंगें थीं
उसकी मुस्कुराहट में न जाने,
कितनी पतंगें थीं।
वह कौन थी, नहीं पता
याद है मुझे, उसकी हर अदा।
आंखों में थी, इक गहन झील
चेहरे में था, एक कमल नील।
देह में न जाने, कितनी उमंगें थीं
उसकी मुस्कुराहट में न जाने,
कितनी पतंगें थीं।