आज की नारी
आज की नारी
सब नारी शक्ति की बात करते हैं हमेशा,
क्या है हम नारी को किसी पे भी भरोसा ?
जब याद करे द्रोपदी की तो रूह काप उठती हैं,
ऐसे घिनौना काम करने वाले कैसे निर्दय होते हैं।
हा आज मानते है कि महिलाएं आगे बढ़ रही हैं,
क्या हमें इज्जत से ज्यादा कुछ और मांगना है?
छोटी बच्ची से लेकर एक स्त्री बनना,
हर कुर्बानी,हर गम छुपाना।
अपने मां- बाप का घर छोड़ ना,
एक औलाद को खुशी से जन्म देना।
वो ऑफिस और घर संभालना जानती हैं,
वो अपनी सारी जिम्मेदारी और देश चलाना
भी जानती हैं।
वो कोई अब्ला नारी नहीं रहीं,
ना उससे कोई स्त्री - पुरुष भेदभाव की जंग चाही।
महिलाओं को बस इज्जत चाहिए,
वो जैसे भी हो बस उन्हें वैसी अपना लिजिए।