काश मैं एक मोबाइल होता
काश मैं एक मोबाइल होता
काश में एक मोबाइल होता
तो चिपका रहता मां के कानों से
मां करती मुझसे घंटों बातें
इधर उधर की
उसकी साड़ी, उसका सूट
मेरी ज्वेलरी की
मिसेज शर्मा, मिसेज वर्मा,
मिसेज कटारिया की
काश में एक मोबाइल होता
तो बनता पापा का सारा ऑफिस
कभी यह फाइल खोलो,
तो कभी वह फाइल खोलो
उसको मेल डालो, उसकी मेल पढ़ो
करता यह सब काम।
काश मैं एक मोबाइल होता
तो दादू की चर्चाओं का हिस्सा होता
मोदी जी ने क्या अब नया किया
कांग्रेस उनसे जलती है
शिवसेना को क्या हुआ
जो वह लोगों पर उबलती है
किया सही या गलत अमित शाह ने
राम मंदिर बन कर रहेगा
अब तो मेरी अयोध्या में
काश मैं एक मोबाइल होता
तो दादी की जानकारी होता
क्या दवा खाने से क्या मर्ज सही होता
कौन से घरेलू उपचार से
घुटने की पीड़ा दूर होती,
यह सब उनको बता देता
काश में एक मोबाइल होता
तो दीदी का दोस्त होता
करता बातें पूरे दिन की ,
वह भी खुश हो चेक करती मुझे,
व्हाट्सएप फेसबुक और
इंस्टाग्राम की तरह बार बार
काश में एक मोबाइल होता
दिया भगवान क्यों तूने मुझे,
जन्म बालक रूप में ?
इससे अच्छा तो मैं मोबाइल होता
संग रहता अपनों के,
अकेला हो गया हूँ बहुत,
करता कोई न मेरी फिक्र
मोबाइल ही क्या सब कुछ है ?
यह करता हूँ मैं अब ,सबसे जिक्र।