मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
लोग सोचते हैं, मैं कौन हूँ, मैं क्या हूँ
जो किसी ने ना मांगी वो दुआ हूँ
अगर मेरी अच्छाई को देखोगे
तो सोचोगे मैं खुदा हूँ
नहीं शायद जिसे कोई नहीं चाहता
मैं वो बददुआ हूँ।
मैं कौंन हूँ, मैं क्या हूँ
दिलों का बादशाह हूँ
नहीं अपनी ज़िद का गुलाम हूँ
नहीं मैं मोहब्बत का अधुरा पैगाम हूँ
या जो लोग ग़म में पीते हैं
वो नशे में छलकता जाम हूँ
मैं कौंन हूँ, मैं क्या हूँ
मैं गीता हूँ, कुरान हूँ
मोहब्बत की सारी कहानियों का सार हूँ
मैं उस लड़की का इनकार हूँ
नहीं उस में उस लड़के का इन्तज़ार हूँ
या शायद उन के दिलों में छुपा प्यार हूँ
मैं कौंन हूँ, मैं क्या हूँ।