पैसा ही भगवान है
पैसा ही भगवान है
भले समय बड़ा ही बलवान है,
पर अब पैसा ही भगवान है।
जन्मदाता ने बस एक ही नाम दिया,
फिर पैसों ने अपना काम किया।
रिश्तों में जाने कितने दरार बनाए,
पैसों की जब कभी बात आए।
पैसों में बसती सबकी जान है,
आज बस पैसा ही भगवान है।
घर की चौखट भी याद नहीं,
हम तो कमाने के लिए जाते हैं।
कुछ पल चैन की साँस मिले,
इसी सोच में वापस आते हैं।
पैसे में यह दुनिया गुमनाम है,
अब तो पैसा ही भगवान है।
हमारे लिए पैसे की जात नहीं,
पैसा हमें खरीदे औकात नहीं।
कर दिया पैसा हमने कुर्बान है,
अब तो पैसा ही भगवान है।
रिश्तों में बचा विश्वास नहीं,
पैसों ने ऐसा खेल रचाया है।
बिक जाते हैं मोल में इसके,
ऐसे लोगों से हमें मिलाया है।
सच सुना है पैसा बहुत महान है,
अब तो पैसा ही भगवान है।
पर शायद कुछ तलाश बाकी है,
और कुछ प्रेम-विरह की आशा है।
प्रेम में है एक ताकत ऐसी,
जो कह दे कि पैसा सिर्फ निराशा है।
न जाने इस पैसे का क्या पैमान है,
अब तो पैसा ही भगवान है।