वजूद
वजूद
तेरे वजूद का असर है ,या नशा है , कि दूर होकर भी गुमा हूँ तुझमें ,
थोडी सी इस जिंदगी का,
हर लम्हा तू , हर लम्हे में तू ,
कुछ यूँ समाया है तू मुझमे ,
कि खुद से मिलने भी तुझसे मिलना पड़ता है ,
कभी थमे यादों का सिलसिलl तो कहूँ , कि प्यार है तुमसे ...हाँ प्यार है तुमसे