मौत का खौफ़
मौत का खौफ़
एक शब्द जिसने बनाया डर और खौफ़ है,
वो दुनिया की सच्चाई कहते जिसे मौत हैं।
प्यारी हर किसी को अपनी जिंदगानी है,
पता सभी को है कि मौत तो आनी ही है।
जिंदगी और मौत दोनों का वास्ता है,
पर सबसे कठिन मौत का रास्ता है।
सुना है कि यमराज हथकड़ी ले आते है
वक्त हो गया तो मौत के मुंह में ले जाते हैं।
पाप-पुण्य का वहाँ हर लेखा जोखा है,
कब खत्म हो जिंदगी क्या भरोसा है।
कुछ लोगों को किस्मत का धनी कहते हैं,
जो मौत के मुंह से बाहर निकलते हैं।
कुछ लोगों को होती बड़ी ही चिंता है,
जब देखते शमशान में जलती चिता है।
थोड़ी हार और थोड़ी जीत का मेल है,
तभी तो कहते हैं जिंदगी मौत का खेल है।
बड़े बड़ों की अकड़ पर इसका धौंस है,
ये सिर्फ मौत नहीं मौत का खौफ़ है।