अधूरे से हम
अधूरे से हम
तुम अधूरे, मैं अधूरा,
दिन अधूरे, रात अधूरी,
भावनाएँ जो बह रहीं हैं,
उठ रहीं तरंग अधूरी,
पनघट अधूरा, पगडंडी अधूरी,
वक्ताओं की बात अधूरी,
सिसकियाँ जो रह गईं हैं,
लग रहीं अधूरी-अधूरी ।
चाँद अधूरा, सूरज अधूरा,
इंद्रधुनष का रंग अधूरा,
बसंत ऋतु के पीत वसन में,
लहलहाती सरसों अधूरी,
फड़फड़ाती होठों की,
काँपती इच्छा अधूरी ।
जीवन अधूरा, मृत्यु अधूरी,
संयोग अधूरा, वियोग अधूरा,
नाक के छिद्रों से आती,
जाती हैं साँसे अधूरी,
सीपीयाँ अधूरी, लहरें अधूरी,
समुन्द्र अधूरा, नदियाँ अधूरी,
झनझनाती वादियों में,
युगलो की मुहब्बत अधूरी,
बचपन अधूरा, यौवन अधूरा,
रात अधूरी, बात अधूरी,
जब मिल गए तो,
रह गई मिलन की,
छुअन अधूरी ।
सपने अधूरे, हकीकत अधूरी,
तुम रही तो मैं अधूरा,
मैं रहा तो तुम अधूरी,
उस पर यदि कुछ हो गया तो,
चाहत अधूरी, मोहब्बत अधूरी ।
अंक अधूरे, शब्द अधूरे,
जुड़ने को बेताब सारे,
लग रहे अधूरे-अधूरे,
पतित से पावन बनें सब,
ललक बुझी-सी है अधूरी,
ज़िंदगी मेरी अधूरी,
ज़िंदगी तेरी अधूरी ।
तो जग अधूरा, मग अधूरा,
हम अधूरे , वो अधूरा,
अधूरेपन से पूर्णता की ओर जाती,
चाह अधूरी,
अधूरेपन को ना कम आंकों,
रस अधूरेपन का तुम फाँको,
अहसास सुंदर अधूरेपन के,
पूर्णता की ओर ले जाते,
जीवन का लक्ष्य बताते,
अधूरेपन को पूर्ण कराते ।।