ना करो कब्ज़ा
ना करो कब्ज़ा
मेरे दिल पर ना करो अपना कब्जा तुम
दिल वो आईना है जरा सी टेस लगने पर टूट जाता है....
मेरे दिमाग में ना बसने की कोशिश करना था
क्योंकि दिमाग मे बसने वालो का कोई नाता नही होता किसी से....
मेरी नजरो में जो बस जाओगे तुम तो पछताओगे
क्योंकि आँखे कब खुशी या गम में बरस पड़ेगी पता नही
आंसू बनकर बह जाओगे तुम...
मेरे चेहरे की हँसी बन जाओ तुम
और नजर आओ उस खुशी में तुम
मेरी रूह में बस जाओ तुम मेरे रोम रोम में समा जाओ तुम