हर बात लिख
हर बात लिख
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इंसानों से ठगाया मन अब तू
इश्वर को ख़त लिख
चाहतों की बात बता और
दिल की हर बात लिख
रास्ते पे लोगों ने ठगा कैसे
हौसलों से वो जज्बात लिख
जिंदगी की दौड़-भाग और
चक्की में पीसी हालात लिख
गहरी धूप दोपहरी में भी
गीली आँखों की बरसात लिख
हर धर्म,लिंग,भेद के ऊपर
शैतान की कैसी जात लिख
देव की माया नगरी में
अपनी क्या औकात लिख।