रिन-चिन
रिन-चिन
रिन–चिन डेरो डाम
चिन–रिन डेरो डाम
खूब खेलें टीना–मीना और श्याम।
हाय राम, हाय राम
गिरते हुए बोला श्याम
लड़क तड़ कर खड़ा हुआ वो
चोट तो सारी भूल गया वो।
तीनों झटपट लपक रहे थे
कंचे सारे बिखर गए थे,
पाँच मिले भइ टीना को
चार मिले भइ मीना को।
दो-दो कंचे और मिले
जेब श्याम ने भर ली थी
जेब की गिनती कर ली थी।
दस–दस कंचे दोनों जेब में लाया था,
टीना–मीना, बोलो
कितने कंचे लाया था ?
टीना ने मीना को,
मीना ने टीना को
दोनों ने झट श्याम को देखा
दस–दस बीस, तेजी से चीखा
सात कंचे मुझे मिले,
मुझे पता तुम दोनों को
कितने कंचे मिलकर मिले,
टीना ने मीना को,
मीना ने टीना को,
घूरा बिने हिले–डुले
कब जाके हम श्याम को मिले
दोनों के एक स्वर मिले
हम तो यहाँ से नहीं हिले,
जरा बताओ कितने कंचे हमें मिले ?
मेरे पे थे कंचे बीस
सात मुझको अभी मिले
तेरह मुझको नहीं मिले।
बोलो–बोलो
कितने–कितने तुम्हें मिले,
मीना बोली –
मुझे चार मिले और दो मिले
सारे मुझको छह मिले,
टीना बोली-
मुझे पाँच मिले और दो मिले
सारे मुझको सात मिले।
राज श्याम का समझ गई थी,
खुशी से दोनों झूम गईं थी,
मेरे छह, टीना के सात
ऐसे तुमने पता लगाया,
कुल बीस से
छह और सात मिलाकर
बाकी का हिसाब लगाया
तेरह कंचे हमें मिले
हमें पता है श्याम,
कितने कंचे तुम्हें मिले ...
मीना बोली -
टीना को सात
श्याम को सात
मुझको छह
सारे कंचे बीस हुए
तीनों मीना, टीना और श्याम
मिलकर खेले
चिन–रिन डेरो डाम।