मज़दूर का हाथ
मज़दूर का हाथ
मेरे बेटे ने मुझसे पुछा पापा
ये किसके हाथ है हाउ डर्टी
क्या ये डेटोल से धोते नहीं
या सैनीटाईज़र यूज़ नहीं करते
मैंने कहा गौर से देखो बेटा
ये मजदूरों के हाथ है या
यूँ कहूँ मज़बूरों के हाथ है
यह मज़दूर बाप बेटे के हाथ है
इनकी उम्र क्लास या
ऐज पूछ कर नहीं
कितने छाले हथेली पे है
गिनके नापी जाती है
बेटे ने फिर पुछा
"पापा ये स्वीगी से क्या फूड आर्डर करते है??"
बेटा मज़दूर का भूखा बच्चा जब
रोटी मांगता है उसका बाप
अपनी हथेली को तवा बताकर
उस पर उभर आया गोल गोल
कभी अधजला कभी पूरा
रोटी नुमा छाला दिखा देता है
जो कभी किसी होटल के
तंदूर में रोटी पकाते या
कोयले की खदान में
खुदाई करते खुद आयी है
और जब वही छाला
फूट जाता है
तो उसकी पस्स को
दाल बता देता है
मेरे आपके एसी रूम को बनाते हुए
जो ईटे रोड़े तोड़े गए है वो इन्ही
हाथों से किये गए है
इन हाथों की किस्मत की लकीरों में
अक्सर मौरंग गिट्टी सीमेंट का
मसाला लगा होता है
सील बट्टे पे चटनी पीसते पीसते
अक्सर उसकी मुफलिसी इनकी
किस्मत को भी चाट जाती है
पापा नेता लोग तो इनके लिए
कुछ करते क्यों नहीं
ग़रीबी हटाओ तो उनका नारा है
बेटा नेताओं को सिर्फ इनके
अँगूठे चाहिए होते वोट के लिए
हथेली और छाले उनके रडार पे नहीं आते