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Himanshu Kalia

Tragedy

5.0  

Himanshu Kalia

Tragedy

मज़दूर का हाथ

मज़दूर का हाथ

1 min
732


मेरे बेटे ने मुझसे पुछा पापा

ये किसके हाथ है हाउ डर्टी

क्या ये डेटोल से धोते नहीं 

या सैनीटाईज़र यूज़ नहीं करते


मैंने कहा गौर से देखो बेटा

ये मजदूरों के हाथ है या

यूँ कहूँ मज़बूरों के हाथ है

यह मज़दूर बाप बेटे के हाथ है 


इनकी उम्र क्लास या

ऐज पूछ कर नहीं 

कितने छाले हथेली पे है

गिनके नापी जाती है


बेटे ने फिर पुछा

"पापा ये स्वीगी से क्या फूड आर्डर करते है??" 

बेटा मज़दूर का भूखा बच्चा जब

रोटी मांगता है उसका बाप

अपनी हथेली को तवा बताकर

उस पर उभर आया गोल गोल

कभी अधजला कभी पूरा

रोटी नुमा छाला दिखा देता है


जो कभी किसी होटल के

तंदूर में रोटी पकाते या

कोयले की खदान में

खुदाई करते खुद आयी है 

और जब वही छाला

फूट जाता है

तो उसकी पस्स को

दाल बता देता है 


मेरे आपके एसी रूम को बनाते हुए

जो ईटे रोड़े तोड़े गए है वो इन्ही

हाथों से किये गए है 

इन हाथों की किस्मत की लकीरों में

अक्सर मौरंग गिट्टी सीमेंट का

मसाला लगा होता है 


सील बट्टे पे चटनी पीसते पीसते

अक्सर उसकी मुफलिसी इनकी

किस्मत को भी चाट जाती है

पापा नेता लोग तो इनके लिए

कुछ करते क्यों नहीं


ग़रीबी हटाओ तो उनका नारा है 

बेटा नेताओं को सिर्फ इनके

अँगूठे चाहिए होते वोट के लिए 

हथेली और छाले उनके रडार पे नहीं आते



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