गीत मिलन के
गीत मिलन के
1 min
1.5K
जब से उनका
साथ मिला है
जीवन मेरा
खिला खिला है
कभी अकेला
रहता हूँ
बस सूना सूना
लगता है
जब से ये
जुड़ा है बंधन
सब कुछ अच्छा
लगता है
जीवन था
वीरान कभी जो
अब कितना
अच्छा लगता है
न कोई बंधन
न कोई दूजा
रहे साथ मे
हंसी खुशी से
नही यहाँ है
कोई दूजा ।
जीवन का
सुन्दर ये सपना
बस ऐसे चलता
रहता है
हंसी खुशी से
दिन है गुजरे
रात का आलम
कभी न विसरे
गीत मिलन के
कभी न विसरे
गीत मिलन के
ऐसे ही गुजरे
मेरे मन मंदिर
का सपना
जीवन कितना
सुन्दर अपना ।
कभी न मिलके
बिछड़े ऐसे
बस गीत मिलन के
गाते जाये
बिछड़े कभी न
एक दूजे से ।