ये हसीन जिंदगानी !
ये हसीन जिंदगानी !
जिन्दगी यूँ ही ख्वाबों में बीत जाती तो क्या था,
यूँ ही तेरी यादों में बीत जाती तो क्या था !
यूँ ही नित नए सपने ताने बाने बुनते रहते,
तुम सदा की तरह हमारी नींद में ख्वाब
बन कर आते रहते तो क्या था।
पर जो चाहते वो हो न सका,
सदा की तरह राह तक्ते बैठें हैं तुम्हारी,
कब आकर बाहों में भर लोगे सनम तुम हमें ,
दूर कर दोगे उदासी हमारी ,
उस एक ल्म्हे की इंतज़ार में बीती जा रही
यह जिंदगानी हमारी,
कभी तो वक्त निकाल कर सुध ले लो हमारी,
तहे दिल से तो बस यह गुज़ारिश है तुमसे हमारी,
और देर न करो अब आ भी जाओ हमदम हमारे,
गले लगाकर सब गिलें शिकवें दूर कर दो हमारे ,
दूर हो जाएगी यह उदासी हमारी,
नयी उमंगे नयी तरंगे एक नयी जिंदगी
जन्म लेगी हुमारी तुम्हारी।
यही है एक अदद इल्तीज़ा है हमारी।
जिंदगी यूँ ही ख्वाबों में बीत जाती तो क्या था।