कभी-कभी
कभी-कभी
कभी-कभी यूँ ही उन राहों
पर चल पड़ते हैं हम,
जहाँ से हमारी मोहब्बत
का सफर शुरू हुआ था।
वो गलियाँ वो रास्ते हमको
फिर उन पलों में ले जाते हैं,
वो मंजर फिर से आँखों
के सामने आ जाता है।
लोग कहते हैं हमसे कि
भूल जाओ उस प्यार को,
जिसको कभी तुम्हारी
कद्र ही ना थी
स्वार्थी था वो इंसान,
एक पल को तेरी
बेवफाइयाँ रुला
जाती है हमको,
दूसरे ही पल ये दिल
खुद को कोसने लगता है।
दुनिया चाहे कुछ भी कहे
हम कभी सुनते नहीं,
ये दिल मेरा आज भी
तेरे नाम से धड़कता है।
एक पल को भी
हम नहीं भूले तुझे,
हर पल मेरे साथ साये
की तरह नजर आते हो।
आईना में तेरा चेहरा हमको
मुस्कुराता हुआ नजर आता है,
हमसे कई सवाल बार-बार
करता है हमारी खबर पूछता है।
कहते हो तुम हमसे बार-बार
जल्दी इन्तजार खत्म होगा,
हमारी मोहब्बत को हम
अंजाम तक पहुंचाएंगे।।