Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sonias Diary

Abstract

5.0  

Sonias Diary

Abstract

मतदाता

मतदाता

2 mins
424


आज उठा वो 

सुबह सुबह 

अच्छे से तैयार हो

निकल पड़ा अपने घर से 

साड़े पाँच का उठा 

पौने सात बजे तक 

घड़ी का घंटा देखता गया 

हाथों की उँगलियाँ साफ कर 

मलता गया मलता गया 


ख़ुश भी था उत्सुक भी 

उम्र के इस पड़ाव में 

उसके हाथों के मूल्य को 

वो जानता था 

वो भली भाँति पहचानता था 


निकल पड़ा वो स्कूटर पे 

अपनी बीवी संग 

ब्याहता बच्चों को भी 

फ़ोन करके बोल दिया 

मैं चला 

तुम भी निकलो

अपने फ़र्ज़ को पहचानो 

अपने फ़र्ज़ को समझो


पंद्रह मिनट का रास्ता

पार किया सोचते सोचते 

रास्ते में लोगों से सोनिया

बतियाते हुए,रोकते हुए


जैसे ही पहुँचा 

मंज़िल पे अपनी 

दरवाज़ा बंद था 

दरवाज़े के बाहर 

लगा ताँता कम ना था 


उसको नम्बर एक पे आना था 

अपने हाथों पर निशान 

पहले उसे बनाना था 


नाश्ता खाते , बातों में 

वक़्त गवाते.. कर्मचारी 


खोलो दरवाज़ा सात बज गए

निवेदन किया उसने भाई 


चलो चलो, अभी वक़्त हुआ नहीं

बाद में आना अभी घंटा बजा नहीं


ग़ुस्सा आया, वो तिलमिलाया 

फ़ोन निकाल 

कैमरा का मुख खोल

उसने था सबको दिखाया 


मैं अपना फ़र्ज़ निभाने आया हूँ

मेरा बहुमूल्य मत

मैं सबसे पहले देने आया हूँ 


डर भाग खड़े हुए सब 

दरवाज़ा खुला 

ऊँगली को मलते हुए 

उसने अपना मतदान

था दिया 


काला निशान मिला 

ख़ुशी ख़ुशी वो 

अपने घर को था लौट गया 

वो मतदाता अपना फ़र्ज़ निभा 

ख़ुशी ख़ुशी था लौट गया ….




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract