इंसान
इंसान
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है इंसान वही जो
काम दूसरों के आये
अपने लिये जीते जीते
दूसरों को भी याद आये
मतलब के तो यार यूँ ही
हर कोई दोस्त बन जाये
दोस्ती वही निभाता जो
बुरे वक्त मे काम आये
हर इंसान तो इंसान से
इंसानियत नाता निभाये
अपनेपन मे खोकर ना
खुद की नैय्या यूँ डुबाये
हर एक अपनी जगह पे
सही बात ही कर पाये
उसी बात पर वह दोस्त
खरा सदा ही उतर पाये