बरसात में यादें आती हैं...
बरसात में यादें आती हैं...
नन्ही बूंदे माथे पर गिर जाती है,
भूली बिसरी यादें तब आती है
आकाश में बादल जब छाते है,
बीते लम्हे याद आते है
बूंदों का झरना गिरता है,
बीता कल आज में दिखता है
फिर मैं बच्चा बन जाता हूँ,
कागज की नाव बनाता हूँ
उस नाव में सपने तैरते है,
अपने उस नाव में दिखते है
मस्ती का आलम छाता है,
बचपन लौट कर आता है
मुन्नी- सोनू याद आते है,
बारिश में छप- छप गाते है
हर गम हवा हो जाता है,
बीता कल गान सुनाता है
हर कोई अपना लगता है,
मन में एक जीवन बसता है
पर आज ये बारिश आती है,
खुद से रू- ब- रू कराती है
जो बीत गया वो सपना है,
वो आज से फिर मिलवाती है
वो पल पास से गुजरते है,
सिसकी बन बूंदों से मिलते है
बरसात ज़ोर की आती है,
यादों की नाव बह जाती है