आते जाते अंजानी राह पर
आते जाते अंजानी राह पर
आते जाते अंजानी राह पर
इक हसीन मुलाकात पर
कब एक हुई राह हमारी
ना उसे पता ना हमको है खबर
मिल गए दिल
भूल गए मंज़िल
मुड़ गए कदम
बस चल पड़े हम
ऐसी हुई दिल्लगी
रोके न रुके कदम
प्यार हुआ ये कैसे
इक हसीन मुलाकात पर
ना उसे पता
ना हमको है खबर...!