आवाजे आती हैं अब कहां से
आवाजे आती हैं अब कहां से
आवाजे आती हैं अब कहां से,
सफर शुरू अब मेरा कहा से !
आवाज़ मद्हम है अब तुम्हारी,
तुम्हे मै देखुं सनम कहा से !!
चला हूँ घर से मै ख्वाब लेकर,
कहा है मंजिल नही पता है।
नज़र मे मेरे हैं ख्वाब कितने,
मै पाऊ चाहत सनम कहा से !
निकल गया हूँ यकीन लेकर,
तुम्हारी यादें हसीन लेकर।
ये दिल तडपता है आज मेरा,
सुकुन पाऊ सनम कहा से !
तुझे बुलाऊ गले लगाऊ,
मै दिलमे फिर से तुझे बिठाऊ।
मगर ये दुरी जहान की रस्मे,
निजात रस्मे सनम कहा से !
तुझे बताया मै दिलकी हालत,
बताया तुमको तमाम हसरत।
मेरी मूहब्बत सनम तुम्ही हो,
खबर ये तुझको सनम कहा से !
हबीब दुनिया कभी तेरा है,
उम्मीद पर तेरे जी रहा है ।
हसीन मंजर तमाम चाहत,
वफा तेरे बिन सनम कहा से !