माँ मुझे माफ़ करोगी
माँ मुझे माफ़ करोगी
माँ मुझे अब शहर जाना होगा
पता नही फिर कब आना होगा
तुम मेरे जाने के बाद मत रोना
बुढ़ापे में रही बची नजर मत खोना
मेरे जाने के बाद ये नजर ही तुम्हें दुनिया दिखाएगी
इसको सम्हाल कर रखना ये तुम्हारे बहुत काम आएगी
मुझे पता है तुम मेरे लिए फिर भी रोया करोगी
मेरी प्यारी माँ क्या इस सब के लिए मुझे माफ़ करोगी|
माँ मुझे शहर में काम करना होगा
पता नही कैसे और कहाँ रहना होगा
मैं चाहकर भी तुम्हें अपने साथ नही रख सकता
मजबूर हूँ जो आज तुम्हारे लिए कुछ नही कर सकता
मुझे नए शहर में काम के लिए दर दर भटकना पड़ेगा
महीनों तक सड़कों पर सोना और भूखा रहना पड़ेगा
मुझे पता है अपने जीते जी तुम मुझे ऐसे न देख सकोगी
मेरी प्यारी माँ क्या इस सब के लिए मुझे माफ़ करोगी|
माँ मुझे पता है तुमने मेरे लिए बहुत किया
मैं अपराधी हूँ जो लौटकर तुम्हें कुछ न दिया
आज तुम्हारे बुढ़ापे में अकेला छोड़ कुछ बनने जा रहा हूँ
आज शर्मिंदा हूँ जानता हूँ फिर भी अपराध करने जा रहा हूँ
एक माँ ने जिस बेटे के लिए अपना जीवन लगा दिया
आज वही बेटा उस बूढी माँ को अकेला छोड़ चल दिया
मुझे पता है माँ तुम फिर भी मेरे लिए दुआ करोगी
मेरी प्यारी माँ क्या इस सब के लिए मुझे माफ़ करोगी|
माँ जब भी शहर से कुछ बन कर वापस आऊंगा
लेकिन नही जानता कि फिर तुम्हें जीता पाउँगा
उस दिन अपने पर शर्मिंदा होना पड़ेगा
कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ेगा
क्या होगा दौलत और शोहरत का उस दिन
मैं जानता हूँ सब मिटटी होगा माँ तेरे बिन
मुझे पता है माँ तुम तब भी मेरे लिए मरोगी
मेरी प्यारी माँ क्या इस सब के लिए मुझे माफ़ करोगी|