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Tanha Shayar Hu Yash

Others

5.0  

Tanha Shayar Hu Yash

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ज़िंदगी

ज़िंदगी

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ज़िंदगी भी मेहबूब सी है

थोड़ी सा नाराज़ हुआ और चल दी।

 

ज़िंदगी बहुत खूब सी है

थोड़ा सा मुस्कुराये और चल दी।

 

ज़िंदगी एक अजूबा सी है

धरती पर पैदा हुए और आसमान पर चल दी। 

 

ज़िंदगी चमकती रौशनी सी है

जब तक रही रौशनी फैलती रही ,

फिर गुमनाम चल दी।   

 

ज़िंदगी मजबूर सी है

जब तब तक साँसे चली ये भी चल दी।

 

ज़िंदगी महबूब सी है

थोड़ी सी नाराज़ हुई और चल दी।



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