मन की बातें
मन की बातें
मन की बातें भी सुना करो
कभी मन के साथ भी चला करो
दिल दे रहा अंदर से दस्तक
खुल के जीना क्यूँ रोका है आज तक ?
ये खुला-खुला सा आसमान
कह रहा है कुछ सुन
तू भी दिल को खोल दे
क्यूँ बाँधे रखा है उसे आज तक ?
जी भरके जि लेना
मन को मारे मत रहना
दिल में उठ रहीं हैं कसक
सहमा सा क्यु है तू आज तक ?
बडी उम्मीदें मत रखना
छोटी खुशियों में खुश होना
अब भी वक्त है सिखले ये तरीका
खुशी से जि लेगा तू आखिरी दिन तक !