Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

परवाह

परवाह

1 min
6.9K


मेरी छोटी से छोटी चीज़ को भी बहुत संभाल कर रखती है,

मैं खुद उतनी नहीं करता जितनी मेरी परवाह माँ करती है।

 

कहाँ नींद आती है अम्मी को अगर उसके बच्चे जागते रहें,

मेरी फ़िक्र में इम्तिहानों में रातों को मेरे साथ-साथ जगती है।

 

अम्मी के हाथों से बने खाने की मिठास का क्या कहना,

पकवानों में प्यार की खुशबू और लज़ीज़ ज़ायका भरती है।

 

सब कुछ भूलकर ढूंढ लेती औलाद की खुशी में अपनी खुशी,

अम्मी बच्चों के लिए जीती और बच्चों के लिए मरती है।

 

जाने कितना कुछ करती मुझे बुरी नज़र से बचाने के लिए,

मेरी किस्मत मुझसे रूठे ना, वो सदा इस बात से डरती है।

 

खुदा तो मजबूर तेरे कर्मों के आगे अशीश शायद इसीलिए,

जो बच्चों के लिए खुदा नहीं कर सकता, माँ कर सकती है।


Rate this content
Log in