गीत और संगीत
गीत और संगीत
एक रोज भरी महफिल ने पूछा हमसे,
कि गीत और संगीत में क्या फर्क है।
हमने मुस्कुराते हुए जवाब दिया,
जो दिल से निकले उसे गीत और
टूटे दिल से निकले उसे संगीत कहते हैं
गीत का तो हर किसी महफ़िल से,
कुछ अनजाना सा वास्ता होता है।
पर जब बोल समझ आ जाए तो,
समझना वो संगीत का रास्ता होता है।
रातों में नींद ना आए तो फिर गीत सुनो,
गीत सुनते सुनते आंखें सो जाती है।
क्योंकि टूटे दिल से संगीत सुनोगे तो,
वहीं आंखें आंसूओं से रो जाती है।
जिसे तू चाहे और वो मिल जाए तो,
जान लेना कि मैं एक गीत हूँ।
याद रखना तू अकेला हैं अगर तो,
तेरे साथ चलने वाला मैं ही संगीत हूँ।