खुदा जैसे माँगता है
खुदा जैसे माँगता है
खुद की कीमत ऐसे मांगता है,
साथ चलने के वो पैसे मांगता है
जिसने बीमारी में पानी भी नहीं दिया,
उससे मरते वक़्त कन्धा कैसे मांगता है
अच्छे कर्मों का फल अच्छा ही देगा,
खुदा से तू फल, भीख जैसे मांगता है
घर का बंटवारा जब होता था तो,
वो हिस्सा भी वसूली जैसे मांगता है
डूबा है गुनाहों में वो खुद मगर,
"दीप" से हिसाब खुदा जैसे मांगता है...!