औरत
औरत
हक को हासिल करने के लिए जोश में उठी मशाल हैं ये,
ज़िम्मेदारियों के साथ-साथ ख़्वाब सजाने वाली मिसाल हैं ये।
खुद और खुदा की नज़र में ना गिर जाना बंदे,
उसे पूरा करने के लिए जो तेरी नापाक आरज़ू है।
पाक निगाहों से देख खुदा की बनाई हर मुरत को,
इक औरत के लिए सबसे कीमती उसकी आबरू है।
ना आज़माना कभी इनके सबर को तू बेसबर होकर,
जवाब नहीं देने देतीं, जब कभी खुद बन जातीं सवाल हैं ये।
ज़िम्मेदारियों के साथ-साथ ख़्वाब सजाने वाली मिसाल हैं ये।
इक नहीं दो -दो आशियानों को सब रंगों से रौशन करके,
आंसूओं में डूबती कश्तियों के लिए किनारा बनी हैं।
नहीं कर सकता मुकाबला कोई उनके हुनर और हौंसले का,
जो बेटों से भी बढ़कर माता-पिता का सहारा बनी हैं।
ज़िन्दगी के हर पहलू में अपनी अलग अहमियत रखती हैं
बिगड़े-बेसुरों को भी संगीत से सजाने वालीं सुर ताल हैं ये
ज़िम्मेदारियों के साथ-साथ ख़्वाब सजाने वाली मिसाल हैं ये
#postiveindia
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