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माँ की ममता

माँ की ममता

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माँ तेरी ममता की छाँव में आज मैं सुकून से सोती हूँ

है तेरा ही सहारा मुझको वरना कौन दुनिया

में हमारा है

हर रिश्ता है झूठ और फरेब से भरा हुआ

हर कोई देखे अपना अपना स्वार्थ और करे

इस्तेमाल हमारा

जाने कैसा कलयुग आ गया माँ तेरे आँचल की छाँव बस सुरक्षित लगे.....


दुआ बस रब से मांगते है तेरा हाथ सदा मेरे सर पर रहे

तेरे सिवा हमको और कोई प्यारा न लगे

जब तक है तू साथ मेरे पूरे ज़माने से लड़ लेंगे हम

साया बन कर रहना तुम हमेशा मेरे साथ ऐ माँ

हमेशा मेरे साथ ऐ माँ....


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