Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

विधुर बाप

विधुर बाप

1 min
20.5K


 विधुर बाप

मैंने देखा हैं,
          बैशाखियों  के सहारे।
 वृद्धाश्रम की ओर  बढ़ते,
      उस  अपाहिज विधुर बाप को ।।
 जो चेहरे पर अनगिनत, 
       झुर्रियों के निशान लिए।
 वर्षों के अनुभवों को,
बया कर रहा था भीड़ में।।

और सुना रहा था अपनी,
           उस करूण गाथा को 
जो रची थी उसके अपनों ने।
     जिन्हें सदा  चाहा था  उसने ।
और  जागता रहा दिन रात,
        उनके सपनों को पुरा करने।।

मगर जाने क्यों  अब ?
      वो ही सपनों के सौदागर
इस कदर जालिम बन,
       दे रहे थे  ठोकरें । 
और वो अपाहिज विधुर बाप,
मज़बूत सहारे को तलाशता
      दीवारों से टकराता
भटक रहा था इस कदर।।

और ढूँढ़ रहा था आश्रय कि, 
        बच जाए उसका अस्तित्व  
और मिलें  उसके, 
        सपनों को आवाज़  ।
जहाँ कुछ  पल ही सही पर,
   समर्पण का भाव  हों।
और भूखे पेट को तृप्त करें,
वो अन्न रूपी प्रसाद हों ।।

अनमोल तिवारी "कान्हा"


Rate this content
Log in