माँ
माँ
माँ तुम साहस हो,
जिसको ले कर मैं गगन भेदती हूँ।
एक आशा की किरण जिसकी झलक पर
मैं करोड़ों सपने पिरोती हूँ।
तुम्हारी प्रेरणा , मेरा जीवन - लक्ष्य,
तुम्हारा सपना, मेरा जीवन - कर्तव्य।
तुम्हारी निराशा , एक पूर्णविराम,
तुम्हारा दर्द और वेदना ; गूढ़ निशप्रभ।
तुम्हारा उल्लास, जीवन आह्लाद।
तुम्हारी उदासी, मेरा अवसाद।
तुम्हीं सृजन तुम्हीं संहार,
मेरा विश्व - दर्शन, मेरा संसार।
तुम्हीं से पाया जीवन, संस्कार,
स्वीकार करो मेरा आभार !