वैश्या का वर्जिन होना
वैश्या का वर्जिन होना
ईमानदार होना बस इतना ही सच है
जब तक पकड़े ना जाना
और एक नेता का ईमानदार होना उतना ही सच है
जितना की एक वैश्या का वर्जिन होना
भ्रष्टाचार उतना ही बड़ा है
जितना की ईमानदारी का ढोंग
सच्चाई, ईमानदारी, वफादारी आज सिर्फ
बेईमानों, चोर - उच्चकों, नेताओं का गहना है
सच्चाई खुद सच की तलाश में है
वफा को अब आस नहीं सनम और माशूका की
अब हर कोई यहां जिस्म की तलाश में है
आज झूठ सच बन के काम आ रहा है
हर ईमान को बचाने में चोर दरवाज़ा काम आ रहा है
सच्चाई, ईमानदारी और वफा को इंतज़ार है
सच का, ईमान का, वफादार का
जैसे एक दुल्हन को अपने पिया का परदेस से लौटने का इंतजार हो
पर अब वो भी कहीं शहर में किसी के साथ मस्त है
क्या पड़ी उसको वफा की
जिस्म - जिस्म की चाहत में हर कोई त्रस्त है।।